Under the Ministry of Education, Government of India

Celebration of Reading Day, Week & Month

 Celebration of Reading Day, Week & Month 2022


P N Panicker, the father of Library and Literacy Movement in Kerala is an eminent personality, 
who was the pillar behind the socio- cultural rebirth in Kerala. P N Panicker Foundation, the mother organization of P N Panicker Vigyan Vikas Kendra was established during the Sathabhishek year under the Chairmanship of Justice V R Krishna Iyer to spearhead developmental issues focusing on inclusive growth in tune with the technological advancement


Honouring the father of the ‘Library Movement in Kerala’, the late P.N.Panicker, since 1996, the State Government has been celebrating 19th June as the Day of Reading and following week as the Reading Week.

The initiative commenced in collaboration with P.N.Panicker Foundation, transformed into a mass movement, paving the way for the launch of Reading Mission 2022, various activities of this mission, to be implemented in School, libraries and academic institutions.
In light of the above, Kendriya Vidyalaya Goalpara (Library Dept.) is also going to conduct the following activity to implement the Reading Day 2022.





Story Telling Competition (III-V) - Result

 


7th International Yoga Day 21st June 2022

 8th International Yoga Day 21st June 2022 

Yoga is a trend that has been flourishing from the years; rather this has become a trendsetter in maintaining both physical and mental well-being. Each Yogic activity is a key to improving flexibility, strength, balance and attaining harmony.



The present resurgence of the COVID-19 pandemic has added stress and anxiety among the people. The disease and isolation are not only affecting a patient's physical health but also taking a toll on the psychological or emotional health (and even that of his family members).

Common Yoga Protocol has been designed with the consensus of all the experts. CYP comprises day-to-day Yoga practice for the masses to reap all the benefits of Yoga. The protocol intends to create general awareness among the masses to attain peace, harmony and well-being through Yoga practices e.g. Yoga Nidra, Pranayama, Dhyan, etc. Enjoy the videos of the best Yoga sessions, keep learning and continue to reap the benefits of Yoga practices.

KV NPGC Nabinagar also celebrating the 7th International Yoga Day with great sprite. 

Organizing a quiz for creating more awareness among the students, parents & teachers.You all are requested to click on the given link and attend the quiz. 

< < Click here to attend the quiz   > > 

You can watch following videos pertaining to International Yoga Day-2022  

Common Yoga Protocol

Gurudev Sri Sri Ravishankar message on 8th IYD 2022

Click here to watch more Videos on IYD (International Yoga Day) 2021 

विश्व पर्यावरण दिवस 2022

 विश्व पर्यावरण दिवस 2022

पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) यानी वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे  मनाया जाता है. इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इन कार्यक्रमों के ज़रिये लोगों को पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ़ रखने और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए जागरुक किया जाता है.

वैसे तो विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया गया था लेकिन विश्व स्तर पर इसके मनाने की शुरुआत 5 जून 1974 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी. जहां इस दिन पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था और इसमें 119 देशों ने भाग लिया था.इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का गठन किया गया था साथ ही प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. ये सम्मेलन 5 जून से 16 जून तक आयोजित किया गया था. इस दिन के लिए स्लोगन रखा गया था "केवल एक पृथ्वी" ("ONLY ONE EARTH").

वर्ष 2021 की थीम

हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है. इस बार इस दिन को मनाने के लिए वर्ष  2021 की थीम "पारिस्थितिकी तंत्र बहाली" (Ecosystem Restoration) निर्धारित की गयी है. इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम इसी थीम पर आधारित होंगे. पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर पेड़-पौधे लगाना, बागों को तैयार करना और उनको संरक्षित करना, नदियों की सफाई करना जैसे कई तरीकों से काम किया जा सकता है. वर्ष 2020 के लिए विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "जैव विविधता" (Biodiversity) वर्ष 2019 में "वायु प्रदूषण" ("Air Pollution") और उस से पहले वर्ष 2018 में  इसकी थीम “बीट प्लास्टिक पोल्यूशन” ("Beat Plastic Pollution") रखी गयी थी.

इस बार विश्‍व पर्यावरण दिवस ऐसे समय में आया है, जब‍ पूरी दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रही है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस का मेजबान पाकिस्तान होगा। इससे संबंधित कार्यक्रम में 'ECOSYSTEM RESTORATION पर संयुक्‍त राष्‍ट्र का एक दशक' भी लॉन्‍च किया जाएगा।


पर्यावरण का रखे ध्यान, तभी बनेगा देश महान।

Collection of 20(Twenty) Children's Movies

20(Twenty) Children's Movies

Children’s movies are an excellent tool for educating students. Movies are very useful to show students different cultures, to teach them history, accustom them to fundamental and moral values, and show them how to think in a simple and entertaining way. For children, it is considered to be more important to create a love of reading, which in many ways is correct. Movies, however, are an excellent option to compliment a child’s education. Both audio and visual media are great ways to capture a child’s attention and slowly introduce new ideas and contents. 
Children’s movies

Library Kendriya Vidyalaya Goalpara brings a collection of popular Children’s movies. You may simply click on the link given below and enjoy learning through watching…..

 

 

1.THE LION KING

2.THE JUNGLE BOOK:CARTOON

 

 

3.I am Kalam

4.Kamera

 

 

5.Taare Zameen par

6.THE JUNGLE BOOK MOVIE

 

 

7.Malgudi Days-मालगुडी डेज-Episode 1- Swami And Friends

8.Malgudi Days-मालगुडी डेज-Episode 2- Swami And Friends

 

 

9.KABULIWALA (কাবুলিওয়ালা )

10.Gupi Gayen Bagha Bayen

 

 

11.CHHOTA CHETAN

12.Gul Makai

 

 

13.Blue Umbrella

14.Tahaan{HD}-तहान

 

 

15.Bread Butter

16.Bumm Bumm Bole(2010)

 

 

17.Gattu

18.Jalpari - The Desert Mermaid

 

 

19.Heart Touching Short Film from India | Child Labour

20."Two" by Satyajit Ray

***Courtesy to Youtube, All Links of the Videos are used here for the academic purposes only***

Rabindra Nath Tagore 162nd Birth Anniversary

 

रविन्द्रनाथ टैगोर

रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म बगाल के एक समृद्ध परिवार में हुआ । बचपन में शिक्षा के लिए उन्हें किसी स्कूल में नहीं भेजा गया ।

कोलकाता में घर पर ही उनकी शिक्षा का प्रबन्ध किया गया । एक विद्वान् शिक्षक उन्हे पढ़ाने आते थे । वे पढ़ाई में अधिक रुचि नहीं रखते थे । हार कर उन्हें स्कूल में भी भरती कराया गया, लेकिन वहाँ भी वे मन लगाकर नहीं  पढ़े ।

वे किताबें पढ़ना बिल्कुल पसन्द नहीं करते थे । लेकिन ड्रामा, संगीत, कविता तथा कलाओ में उनकी गहरी रुचि थी । सोलह वर्ष की आयु से ही वे कविताये और कहानियां लिखने लगे थे । उनकी रचनायें बडी रुचि से पढी जाती थीं ।

आगे की पढ़ाई के लिए उनके पिता ने उन्हें इंग्लैण्ड भेज दिया । लदन में वे यूनिवर्सिटी कॉलेज में भरती हो गए । वही वे कुछ समय तक पढ़े, लेकिन बिना किसी परीक्षा को पास किए ही भारत लौट आए । उन्होंने कोई डिग्री परीक्षा कभी पास नहीं की ।

 


अब तक वे प्रसिद्ध कवि हो गए थे । उन्होंने अनेक ड्रामा, उपन्यास, कहानियाँ और कवितायें लिखीं । धीरे-धीरे बंगाल के महानतम कवियों में उनकी गिनती होने लगी । उनका महानतम और सबसे प्रसिद्ध काव्य गीतांजलिहै । उन्होंने मूल रूप में गीतांजलि की रचना बंगाली भाषा में की और बाद में रचय ही उसका अंग्रेजी मे अनुवाद किया । उनकी कविताओं का देश और विदेश की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ । इनकी बदौलत वे समूचे ससार में प्रसिद्ध हो गए ।

रवीन्द्रनाथ टैगोर को साहित्य के नोबल पुरस्वगर से सम्मानित किया गया । वे पहले भारतीय थे, जिन्हें नोबल पुरस्कार मिला । इस पुरस्कार ने उनकी ख्याति में चार-चाँद लगा दिए । कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टर ऑफ लेटर्सकी उपाधि प्रदान करके सम्मानित किया । तत्कालीन भारत सरकार ने उन्हें सरकी उपाधि से विभूषित किया ।

अब उन्होंने यूरोप, अमरीका, चीन और जापान का भ्रमण किया । वे जहाँ भी जाते, उनका भव्य स्वागत होता था । लोग उनके ज्ञान की भूरि-भूरि प्रशंसा करते थे । उनकी असाधारण साहित्यिक प्रतिभा तथा प्रभावशाली भाषणों का बड़ा सम्मान किया जाता था ।

1901 ई॰ में बोलपुर नामक एक छोटे-से गाँव में उन्होंने एक स्कूल की स्थापना की । उन्होंने इसे शांतिनिकेतननाम दिया । यह स्कूल विश्वभर में प्रसिद्ध हो गया । इसकी कोई विशाल इमारत नहीं है । यह स्कूल खुले मैदान में लगता है । विद्यार्थी प्रकृति की गोद में विद्या प्राप्त करते हैं ।

संसार के सभी भागों से लोग यहां शिक्षा प्राप्त करने आते है । उन्हे इस स्कूल में पढ़ना, लिखना, कला, संगीत, नाच और गाना सिखाया जाता है । हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने भी कुछ समय यही शिक्षा पाई थी ।

बिना छत का यह स्कूल संसार में अनूठा है । जब तक यह संस्था जीवित है, तब तक इस महान् कवि, लेखक और दार्शनिक का नाम अमर रहेगा ।

रवीन्द्रनाथ टैगोर बड़े प्रतिभावान थे । वे एक सच्चे महात्मा थे और वैसे ही वे दिखाई भी देते थे । वे लम्बे-लम्बे बाल रखते थे और उनकी लम्बी दाढी थी । उनके बहुत-से शिष्य थे, जो उन्हें बडी श्रद्धा से गुरुदेव कहते थे ।

वे महान् कवि और समाज-सुधारक थे । उन्होंने भारत का गौरव बढाया । भारत को ऐसे विद्वान् पर सदा गर्व रहेगा । हम इतने महान् विद्वान्, कवि, लेखक और दार्शनिक को कभी न भुला पायेंगे ।

World Book and Copyright Day 2022 (23 April 2022)

 

विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस

 





विश्व पुस्तक दिवस 2021 पूरी दुनिया भर में 23 अप्रैल, शुक्रवार को मनाया जायेगा। उच्च उद्देशीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा विकास की भावना से प्रेरित 193 सदस्य देश तथा 6 सहयोगी सदस्यों की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुआ था। इसकी नींव तो 1923 में स्पेन में पुस्तक विक्रेताओं द्वारा प्रसिद्ध लेखक मीगुयेल डी सरवेन्टीस को सम्मानित करने हेतु आयोजन के समय ही रख दी गई थी। उनका देहांत भी 23 अप्रैल को ही हुआ था।

विश्व पुस्तक दिवस क्या है

23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। 23 अप्रैल को इसे मनाने के बजाय, यूनाईटेड किंग्डम में मार्च के पहले गुरुवार को इसे मनाया जाता है। 23 अप्रैल 1995 में पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गयी।

आमतौर पर, इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है और 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।

विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास

पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक आधार पर विश्व पुस्तक दिवस को मनाने के पीछे बहुत सी कहानियाँ हैं। मीगुएल डी सरवेंटस नाम से सबसे प्रसिद्ध लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिये स्पेन के विभिन्न किताब बेचने वालों के द्वारा वर्ष 1923 में पहली बार 23 अप्रैल की तारीख अर्थात् विश्व पुस्तक दिवस और किताबों के बीच संबंध स्थापित हुआ था। ये दिन मीगुएल डी सरवेंटस की पुण्यतिथि है।

विश्व पुस्तक दिवस और प्रकाशनाधिकार दिवस को मनाने के लिये यूनेस्को द्वारा 1995 में पहली बार विश्व पुस्तक दिवस की सटीक तारीख की स्थापना हुयी थी। यूनेस्को के द्वारा इसे 23 अप्रैल को मनाने का फैसला किया गया था क्योंकि, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, विलियम शेक्सपियर, व्लादिमीर नबोकोव, मैमुएल सेजिया वैलेजो का जन्म और मृत्यु वर्षगाँठ, मीगुअल डी सरवेंटस (22 अप्रैल को मृत्यु और 23 अप्रैल को दफनाए गये), जोसेफ प्ला, इंका गारसीलासो डी ला वेगा का मृत्यु वर्षगाँठ और मैनुअल वैलेजो, मॉरिस द्रुओन और हॉलडोर लैक्सनेस का जन्म वर्षगाँठ होता है।

विश्व पुस्तक दिवस कैसे मनाया जाता है

बाजार या प्रसिद्ध किताब की दुकानों से कुछ मजाकिया और रोचक किताबों को खरीदने और पढ़ने के द्वारा विश्व पुस्तक दिवस को मनाने में कोई भी शामिल हो सकता है जहाँ सभी पसंसदीदा किताब ब्रैंड, चरित्र या लेखक पर आधारित होती है। लेखकों और दूसरी महत्वपूर्णं बातों के बारे में जानने के लिये उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ ही पढ़ने की आदत के लिये बच्चों को पास लाने में विश्व पुस्तक दिवस एक बड़ी भूमिका अदा करता है।

बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुयी। विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि 23 अप्रैल 1616 कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगाँठ थी।

किताबों और लेखकों को श्रद्धांजलि देने के लिये पूरे विश्व भर के लोगों का ध्यान खींचने के लिये यूनेस्को द्वारा इस तारीख की घोषणा की गयी। लोगों और देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की ओर अपने विशेष योगदानों के लिये नये विचारों को उत्पन्न करने के साथ ही किताबों के बीच असली खुशी और ज्ञान की खोज करने तथा किताबें पढ़ने के लिये ये आम लोगों खासतौर से युवाओं को प्रोत्साहित करता है। ग्राहक को हर एक किताब पर एक गुलाब देने से वो किताबें पढ़ने के लिये प्रोत्साहित होंगे और सम्मानित महसूस करेंगे।

शिक्षकों, लेखकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ, कार्यरत लोगों का समूह, मास मीडिया आदि के द्वारा खासतौर से विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को राष्ट्रीय परिषद, यूनेस्को क्लब, केन्द्रीय संस्थान, लाइब्रेरी, स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

प्रसिद्ध लेखकों के द्वारा लिखी गयी नवीनतम किताबों के संग्रह को प्राप्त करने के लिये लाइब्रेरी की सदस्यता के लिये कार्यरत समूह के लोग प्रोत्साहन देते हैं। विभिन्न क्रिया-कलाप जैसे दृश्यात्मक कला, नाटक, कार्यशाला कार्यक्रम आदि लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये अधिक सहायक हो सकता है।

विश्व पुस्तक दिवस का महत्व

आम सभा में यूनेस्को के द्वारा विश्व पुस्तक दिवस उत्सव की तारीख को निश्चित किया गया जो 1995 में पेरिस में रखा गया था। लगभग 100 देशों से अधिक इच्छुक लोग ऐच्छिक संगठनों, विश्वविद्यालयों स्कूलों, सरकारी या पेशेवर समूहों, निजी व्यापार आदि से जुड़ें। विश्व पुस्तक और कॉपीरइट दिवस उत्सव विश्व भर के सभी महाद्वीपों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से लोगों को आकर्षित करता है। ये लोगों को नये विचार को खोजने और अपने ज्ञान को फैलाने में सक्षम बनाता है। किताबें विरासत का ख़जाना, संस्कृति, ज्ञान की खिड़की, संवाद के लिये यंत्र, संपन्नता का स्रोत आदि हैं।

विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस उत्सव ने विभिन्न देशों से ढ़ेर सारे पेशेवर संगठनों को प्रेरित किया है और यूनेस्कों से सहायिकी प्राप्त की है। दूसरे लोगों तक विभिन्न प्रकार की संस्कृति को फैलाने के साथ ही उनको साथ लाने के लिये लोगों के बीच किताबों की शक्ति को प्रचारित करने के लिये हर साल यूनेस्कों का विश्वव्यापी सदस्य राज्य इस कार्यक्रम को मनाता है। सुविधा से वंचित भाग में रहने वाले लोगों के साथ ही युवा लोगों के बीच शिक्षा को प्रचारित करने के लिये ये दिन मनाया जाता है।

इस दिन, उपन्यास, लघु कहानियाँ या शांति फैलाने वाला चित्र किताब, उदारता, दूसरी संस्कृति और परंपरा के लिये एक-दूसरे के बीच समझदारी और सम्मान के लिये बच्चों सहित कुछ युवा अपने बेहतरीन कार्यों के लिये पुरस्कृत किये जाते हैं। वर्ष के खास विषय पर आधारित एक अलग पोस्टर हर साल डिजाइन किया जाता है और पूरी दुनिया में लोगों के बीच वितरित किया जाता है। पोस्टर इस तरह से डिजाइन किये जाते हैं जिससे लोगों और बच्चों को और किताबें पढ़ने के लिये बढ़ावा दिया जा सके।